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Tuesday, April 12, 2016

ओ भगवान

ओ भगवान
एक बार नजर तो आओ
तुम्हारा कॉलर पकड़ कर
घसीटने को मन करता है
जरा अपने डेटाबेस से निकालों तो
उनके पूर्वजन्मों का चिट्ठा
जिन्हें लील दिया तुमने एक पुल को ढहाकर
हो सकता भक्तों के सीने पर चढकर
बन रहे पुल से नाराजगी हो तुम्हारी
लेकिन तुम्हारी कृपा के बोझ तले
मजदूर ही क्यों दबे
क्यों नहीं कंपनी के दफ्तर को ढहा दिया
कैसी नींद में सोये हो प्रभु
आतिशबाजी से फटे बम
और बम से उड़े लोगों के चिथड़े
धमाकों से तेज होती चीख भी
तुम्हारी नींद नहीं खोल पायी
कैसा न्याय है तुम्हारा
मरने वालों में ये करने वाला तो नहीं था
वह तो अब भी तुम्हारे नाम पर
इस हत्याकर्म को तुम्हारे नाम की दुहाई देकर
जारी रखने की कहता है
क्या तुम्हें भी इन बिचोलिये दलालों की जरुरत होती है
जैसे दलाल जरुरी होते हैं हर तरह के पेशों में
दलाल लेनेवाले और देनेवाले से दोनों हाथों लूटता है
क्या तुम सच में हो भगवान
हो तो कोई आहट क्यों नहीं है
जरा दिखाओ तो उनके पूर्वजन्मों का चिट्ठा मुझे
किन पापों की वजह से प्यास से मर रहे हैं लोग
क्यों तुम्हारे कोप से
पानी को कैद करती बोतलें पिघलती नहीं
हे भगवान जरा दिखाओ तो
चित्रगुप्त का वो बही खाता जिसमें रखा है हिसाब तुमने
जिंदगी से घबराकर तुम्हारे पास आये किसानों का
हे भगवान
दिखाओ तो अपना भी हिसाब-किताब कभी
जब तुम्हारी मर्जी से पत्ता नहीं हिलता
कैसे कर लेता है कोई पाप या पुण्य ही
भगवान सच कहूं तो मुझे
तुम लाचार नजर आते हो
क्योंकि देखता हूं मैं तुम्हें
मंत्रोच्चारण के बीच पत्थर की मूर्त बनते हुए
कितने नरसंहार अत्याचार
तुम्हारे सामने या तुम्हारी पीठ पिछे होते देखे हैं मैने




तुम्हारी गाज हमेशा गिरती है उसी पर
जो हाथ जोड़ खड़ा होता है
तुम्हारे नाम से बने पत्थरों के सामने
श्रद्धा, विश्वास आस्था रखने वाले की ही
अब तक परीक्षा लेते देखा है तुमको
देखा है तुम्हारी पत्नी को भी
अमीरों की तिजोरी में ही कैद हुए
मैं नहीं कहता के तुम नहीं हो
तुम हो लेकिन
जैसे होते थे राजा
जिनके कान में फूंक दिया गया था
कि वे ईश्वर के भेजे दूत हैं
ईश्वर ने उन्हें लोगों पर राज करने भेजा है
उनके लहू का रंग भी होता है नीला
तुम्हारी शक्ति से ही वो बनते थे
अन्यायी, क्रूर, और तमाशबीन
आज भी वही कथा दोहरा रहे हो
ओ भगवान
एक बार नजर तो आओ
या फिर बीच से हट जाओ
फिर जिसका कॉलर पकड़ कर घसीटेंगें

उस दर्द का अहसास तुम्हें भी होगा

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