मुझे फिल्मे देखने का काफी शोक है अब मॉल में जाकर शोक पूरा करने की अपनी हैशियत है नहीं इसलिए कई बार विकल्प भी अपनाना पड़ता आज कल यशपाल की कहानियां पढ़ रहा हूँ सच बताऊ फिल्म की पूर्ति हो रही है कहानियों में घटनाएं पात्र सारे दृश्यमान होकर आप से रु ब रु होने लगते हैं जितना समय लगता है उसमें दो तीन कहानियां पढ़ ही लेता हूँ कमाल की कहानियां हैं रविन्द्रनाथ टैगोर, प्रेमचंद,यशपाल और भीष्म साहनी अब पसंदीदा कहानीकार हो गए हैं यशपाल की कहानियों में एक विशेष बात यह लगती है की कहानी में वर्णन कथाकार नहीं बलिक पात्र करते हैं ऐसा बहुत ही कम साहित्यकार कर पते हैं समय लगा तो कहानियों की विस्तृत समीक्षा भी आपके समक्ष होगी फ़िलहाल इतना ही आप भी पढना चाहे तो आधार प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गयी मात्र ५० रूपये कीमत है
Friday, September 7, 2012
Wednesday, September 5, 2012
लम्बी रात तेरी याद
एक तो रात बहुत लम्बी
उस पर यादों के नुकीले खंजर
दिन तो ढल जायेगा काम में
कल फिर होगा मौत का मंजर
जब से रूठे हो सुखा हूँ
हरा भरा था हो गया बंजर
सपने हुए किनारे लहरों संग
छोड़ दिया क्यों बिच समंदर
कब तक बात निहारु पिया की
दीखता नहीं कुछ बाहर अन्दर
Monday, September 3, 2012
मेरी नयी रचना
यंहा दश्त ही
दश्त है रास्ता नजर आया नहीं
पत्तों की चरमराहट से दिल घबराया नहीं
नयी घोषणा है इस
दश्त की तरक्की की
तूफान तो बाकी वो तो अभी आया नहीं
कोनसे जंगल से आ रही बहस की आवाजें
संसद कब से भंग है उसको तो चलाया नहीं
मेरी परेशानी का सबब जान के वो क्या करेंगे
चुनाव अभी दूर हैं बिगुल तो बजाय नहीं
Sunday, September 2, 2012
Tuesday, February 28, 2012
सच
यह सच है कि वह मरेगा भी जो पैदा हुआ
तो क्या जीना छोड़ दें
सच यह भी है जो जीने कि कोशिश करेगा
मार दिया जायेगा
तो क्या जीना छोड़ दें
सच यह भी है जो जीने कि कोशिश करेगा
मार दिया जायेगा
Sunday, December 11, 2011
वैरी वैरी पेन कोलावेरी पेन
यु गिव मी वैरी वैरी वैरी वैरी पेन
व्हाई मीट युवर नैन टू माय नैन
यू डोंट अंडर स्टैंड माय फीलिंग
डू यू लव मी और यू डीलिंग
व्हाई ब्रेक आवर हार्ट चैन टू चैन
यु गिव मी वैरी वैरी वैरी वैरी पेन
यू आर टॉकिंग अदर पर्सन
माय हार्ट स्टार्टिंग बर्न बर्न
आई ऍम फूलिश और इन्नोसेंट अगेन
यु गिव मी वैरी वैरी वैरी वैरी पेन
व्हाई मीट युवर नैन टू माय नैन
यू डोंट अंडर स्टैंड माय फीलिंग
डू यू लव मी और यू डीलिंग
व्हाई ब्रेक आवर हार्ट चैन टू चैन
यु गिव मी वैरी वैरी वैरी वैरी पेन
यू आर टॉकिंग अदर पर्सन
माय हार्ट स्टार्टिंग बर्न बर्न
आई ऍम फूलिश और इन्नोसेंट अगेन
यु गिव मी वैरी वैरी वैरी वैरी पेन
Sunday, September 18, 2011
आंधी की आड़ में
आज कल खबरों में खबरे कम आंधी ज्यदा है
खबरें सब कुछ
साफ़ साफ़ दिखाती हैं
आंधी आँखों में धुल झोंकती है
भ्रष्ट शासन से त्रस्त लोगो का गुब्बार
जो स्वच्छ व्यक्तित्व की सहानुभूति में उमड़ा
सडको पर
उसे भी तथाकथित सजग प्रहरियों ने
ब्रांड बनाकर खूब भुनाया
अपनी टी आर पी के लिए
दूसरों के कंधो पर बंदूख चलाना
कोई धन्ना सेठों से सीखे
जो हर बार बच निकलते हैं
आंधी की आड़ में
जगदीप सिंह
खबरें सब कुछ
साफ़ साफ़ दिखाती हैं
आंधी आँखों में धुल झोंकती है
भ्रष्ट शासन से त्रस्त लोगो का गुब्बार
जो स्वच्छ व्यक्तित्व की सहानुभूति में उमड़ा
सडको पर
उसे भी तथाकथित सजग प्रहरियों ने
ब्रांड बनाकर खूब भुनाया
अपनी टी आर पी के लिए
दूसरों के कंधो पर बंदूख चलाना
कोई धन्ना सेठों से सीखे
जो हर बार बच निकलते हैं
आंधी की आड़ में
जगदीप सिंह
Subscribe to:
Posts (Atom)